विजुअल मर्चेंडाइजिंग (Visual Merchandising)
आज हम बात करेंगे की विजुअल मर्चेंडाइजिंग क्या होता है, इनकी जरूरत कहां पड़ती है, विजुअल मर्चेंडाइजर का काम क्या होता है. तो चलिए बढ़ते है आजके टॉपिक की तरफ की विजुअल मर्चेंडाइजिंग क्या है (Visual Merchandising In Hindi).
एक टाइम पे विजुअल मर्चेंडाइजिंग का कोई स्कोप नही था, लेकिन बाजार के बढ़ते कॉम्पिटिशन को देखर हर कोई अपने शॉप के लिए एक विजुअल मर्चेंडाइजर रखना जरूरी समझता है। आज के समय मे इस फ़ील्ड में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं।
विजुअल मर्चेंडाइजिंग में कॅरियर बनाने के लिए आप फैशन मार्केटिंग, रीटेल ब्रांडिंग, रीटेल प्रोग्रामिंग, फैशन डिज़ाइनिंग, फैशन मैनेजमेंट, प्रोडक्ट या इंटीरियर डिज़ाइनिंग जैसे कोर्स कर सकते हैं।
रीटेल सेक्टर में आए उछाल और मार्केट में बढ़ते कॉम्पिटिशन के वजह से डिसप्ले डेकोरेशन (विजुअल मर्चेंडाइजिंग) की मांग कंज्यूमर रिलेटेड सभी फील्ड में देखने को मिल रही है। अब वो चाहे कोई गारमेंट शोरूम हो या फिर रेस्टोरेंट।
मार्केट में आज हर उस व्यक्ति को विजुअल मर्चेंडाइजर की जरूरत है जो सीधे-सीधे उपभोक्ता यानी Consumer से जुड़ा है। जैसे शॉपिंग मॉल, बुटीक, रेस्ट्रोरेंट, या फाइव स्टार होटल हर जगह विजुअल मर्चेंडाइजिंग एक्सपर्ट की जरूरत है।
विजुअल मर्चेंडाइजर की जरूरत कहां पड़ती है (Where is the need for Visual Merchandiser)
प्रोडक्ट को उनके टेक्सचर, पैटर्न, डिज़ाइन, कलर के मुताबिक डिसप्ले करना, मैनेक्विन को सही जगह पर सजाकर रखना, शोरूम की डेकोरेशन,और लाइट आदि का चुनाव करने के लिए विजुअल मर्चेंडाइजर की विशेष जरूरत होती है
इसलिए खासकर फैशन इंडस्ट्री में विजुअल मर्चेंडाइजिंग एक अहम हिस्सा हो गया है। विजुअल मर्चेंडाइजिंग की बदौलत मामूली से मामूली शॉप भी Consumers को अट्रेक्ट करता है।
आपमे क्या खूबी होनी चाइए
एक मर्चेंडाइजर का काम बहुत ही क्रिएटिव और कठिन होता है, उसे किसी भी प्रोडक्ट को कंज्यूमर के इंटरेस्ट के मुताबिक दिखाना होता है, जिससे कंज्यूमर वो सामान खरीद ले।
तो आइए जानते है मर्चेंडाइजर में क्या खूबी होनी चाइए-
1.मर्चेंडाइजर में सबसे बड़ी खूबी ये होनी चाइए की उसे प्रोडक्ट को रिप्रेजेंट करना आता हो जिससे कंज्यूमर प्रोडक्ट के तरफ अट्रेक्ट होकर तुरन्त प्रोडक्ट खरीद ले।
2.ब्रांड्स की पूरी जानकारी होनी चाइए।
3.एक मर्चेंडाइजर का क्रिएटिव होना सबसे जरूरी है
4.लेटेस्ट फैशन ट्रेंड्स की जानकारी होनी चाइए।
5.कॉम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाइए।
6.कस्टमर की साइकोलॉजी की समझ होनी चाइए।
विजुअल मर्चेंडाइजर का काम क्या होता है (What is the job of a Visual Merchandiser)
विजुअल मर्चेंडाइजर विंडो और स्टोर्स के इंटीरियर का कंसेप्ट और डिज़ाइन तैयार करते हैं, और प्रोडक्ट को उनके कलर, साइज, टेक्सचर, डिज़ाइन के मुताबिक डिस्प्ले करता है।
उनका काम सिर्फ स्टोर तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि वे इनकी वेबसाइट्स को भी हैंडल करते है। विजुअल मर्चेंडाइजर को टेक्निक और क्रिएटिविटी दोनों स्क्ल्सि की मदद से ऐसा डिस्प्ले तैयार करना होता है, जो टारगेट कस्टमर्स को अपनी ओर खींच सके। इसका मकसद कस्टमर को कम से कम समय में प्रोडक्ट को खरीदने के लिए कन्वेंस करना होता है।
इसके अलावा विजुअल मर्चेंडाइजर के और भी काम होते है जैसे-
1.डिपार्टमेंट या स्टोर की ऐसी इमेज तैयार करना, जो टारगेट कस्टमर के मूड और जरूरत को मैच कर सके, जिससे कंज्यूमर स्टोर की ओर खिंचे चले आये
2.स्टोर को ऐसा क्रिएटिव लुक देना, जिससे कस्टमर प्रभावित हो जाए और वहां बार-बार आए। जैसे इंटेरिएर, एक्सटेरिएर लुक, ड्रेस डिज़ाइन, ट्रेंड्स आदि।
3.मार्केट में कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है ऐसे में स्टोर को उनसे अलग पहचान दे। भीड़ में अपनी कंपनी या ब्रैंड को अलग दिखाए।
4.स्टोर को लाइटिंग से अमेजिंग लुक देना।
5.मैनेक्विन को सही ड्रेस पहनाकर अट्रैक्टिव दिखाना, और उन्हें सही जगह पर सजाकर रखना।
6.इसके अलावा विजुअल मर्चेंडाइजर को ये भी देखना होता है कि स्टोर में कैसी म्यूजिक, लाइट और स्मेल होनी चाइए।
विजुअल मर्चेंडाइजिंग फील्ड में आने के लिए कौन से कोर्स होते है (Visual merchandising Courses)
विजुअल मर्चेंडाइजिंग के फील्ड में आने के लिए विजुअल या फिर फैशन मर्चेंडाइजिंग में डिप्लोमा चाहिए होता है। कंज्यूमर साइकॉलजी या मार्केटिंग से जुड़ी स्क्ल्सि भी इस फील्ड में काफी मदद करती है।
इसके अलावा इस फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए फैशन मार्केटिंग, रिटेल प्रोग्रामिंग, रिटेल ब्रांडिंग, फैशन डिज़ाइनिंग, फैशन मैनेजमेंट, प्रोडक्ट या इंटीरियर डिज़ाइनिंग जैसे कोर्स भी कर सकते हैं। ऐसे किसी भी कोर्स को करने के बाद किसी बड़े स्टोर में इंटर्नशिप करने से काफी फायदा होगा।
इसके अलावा अगर आपको फैशन डिजाइनिंग में दिलचस्पी है तो आप फैशन डिजाइनिंग और टेक्नोलॉजी का कोर्स कर सकते है इस कोर्स में VM यानी विजुअल मर्चेंडाइजिंग एक मेजर पेपर के रूप में पढ़ाया जाता है।
कोर्स के दौरान रिटेल स्टोर के ले-आउट डिजाइन, इंटीरियर-“एक्सटेरिएर डेकोरेशन, स्टोर के अंदर के इंस्टॉलेशन, स्टोर डिस्प्ले, प्रोडक्ट के प्रेजेंटेशन आदि के बारे में बताया जाता है।
जॉब ऑप्शन (Job Option)
विजुअल मर्चेंडाइजर की डिमांड आज कल हर जगह है हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री, रिटेल इंडस्ट्री, फैशन इंडस्ट्री, एविएशन इंडस्ट्री और ट्रैवल इंडस्ट्री, बढ़ते कॉम्पिटिशन को देख के लगता है फ्यूचर में इस फील्ड में अच्छा स्कोप है।
आज जिस तरह से शॉपिंग मॉल्स, फाइव स्टार होटल्स, बुटीक और रिटेल आउटलेट्स की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए विजुअल मर्चेंडाइजिंग की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। कॉम्पिटिशन के दौर में मार्केट में बने रहने के लिए कंपनीज विजुअल मर्चेंडाइजर्स को अच्छे पैकेज पर हायर कर रही हैं। वैसे, आप चाहें तो फ्रीलांसर के तौर पर भी करियर की शुरूआत कर सकते हैं।
आप डिज़ाइन कंपनी, फैशन बुटीक, आर्किटेक्चर फर्म आदि में काम करने से लेकर थीम पार्टी ऑर्गेनाइजर का काम कर सकते हैं। इसके साथ ही अवॉर्ड फंक्शंस, ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स आदि में भी विजुअल मर्चेंडाइजर की मांग बढ़ती जा रही है।
विजुअल मर्चेंडाइजिंग कोर्स करके आप स्टोर विजुअल मर्चेंडाइजर, विजुअल मर्चेंडाइजिंग को-ऑर्डिनेटर,विजुअल मैनेजर, फ्रीलांस डिस्प्ले पर्सन, रिटेल विजुअल मर्चेंडाइजर आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
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सैलरी (Salary)
दुनिया भर में रीटेल इंडस्ट्री की ग्रोथ और कॉम्पिटिशन को देखते हुए विजुअल मर्चेंडाइजिंग आज के टाइम में एक आकर्षक फ़ील्ड बन चुका है। विजुअल मर्चेंडाइजर में प्रोफेशनल को 30 से 35 हजार रुपए महीने मिलते हैं। स्किल और अनुभव के साथ सैलरी पैकेज बढ़ जाता है।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह विजुअल मर्चेंडाइजिंग क्या है – Visual Merchandising In Hindi ब्लॉग पसंद आया होगा और आपको Visual Merchandising In Hindi के बारे में अर्थात विजुअल मर्चेंडाइजिंग क्या है के बारे में सभी जानकारी प्राप्त हो गई होगी।
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