बरसात में होने वाली 10 बीमारियां और उनसे कैसे बचें…? ( 10 Monsoon Diseases & prevention )
गर्मी के बाद बारिश का आना मानो खुशियो का आना लगता है महीनों बाद गर्मी से राहत मिलते ही दिल खुश हो जाता है। एक तरफ जहा ये बारिश खुशियो का बौछार और ठंडक लाती है तो दूसरी तरफ ढेरों सारी बीमारियां।
सर्दी, जुखाम, वायरल फीवर, स्किन इंफेक्शन जैसी और कई परेशानिया आम होती है जो लोग मौसम के मुताबिक अपने शरीर का ध्यान रखते है वो इन बीमारियों से बचे रहते है लेकिन जो लोग बदलते मौसम में ध्यान नही देते उन्हें कई बीमारियां अपने चपेट में ले लेती है।
बरसात में बच्चो के बीमार होने का डर सबसे अधिक लगा रहता है। इसलिए कुछ चीज़ों का ध्यान रख के हम बरसात में होने वाली बीमारियों से बच सकते है जैसे हम अपने घर के आस पास पानी जमा न होने दे और अपने घर की सफाई भी सही तरीके से करे।
बरसात में बच्चों का और खुद का कैसे रखे ख्याल
बच्चों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है उन्हें छोटी सी बीमारी भी बहुत परेशान कर देती है, ऐसे में उन्हें इंफेक्शन का भी खतरा ज्यादा रहता है।
बरसात में उन्हें कई प्रोब्लेम्स हो सकते है जैसे खाँसी सर्दी, वायरल फीवर, दस्त, पीलिया, डायरिया, जॉन्डिस और टाइफाइड। इसलिए बरसात में उनका अधिक ख्याल रखना जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रख के आप उन्हें और खुद को बीमारियों से बचा सकते है।
- अपने घर में या घर के आस पास पानी जमा न होने दे।
- बारिश में ज्यादा देर न भीगें
- तीन तीन साल पर बच्चो को टाइफाइड का इंजेक्शन लगवाये
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी या आल आउट का इस्तेमाल करे।
- जॉन्डिस से बचने के लिए छोटे बच्चो को टिका लगवाए।
- पानी उबालकर या फ़िल्टर कर के ही पिये
- बच्चे अगर बारिश में गीले हो गए है तो उन्हें गीले कपड़ो में ज्यादा देर न रखे इससे उन्हें बुखार और सर्दी हो सकती है।
- बच्चो को बाहर की चीज़ें न खाने दे।
- नंगे पैर न रहे
- बच्चो को दाल या और कोई हल्का खाना खिलाएं।
- बच्चो को फ्रूट्स और प्रोटीन से भरपूर चीज़े खिलाये इससे उनकी इम्युनिटी बढ़ेगी और उन्हें बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलेगी।
बरसात में होने वाली 10 बीमारियां ( 10 diseases during rainy season)
1.सर्दी जुखाम- इसे कॉमन कोल्ड भी कह सकते है। मौसम में बदलाव के कारण हमें सर्दी जुखाम होना आम है पर ज्यादा होने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
2.मलेरिया- मानसून के मौसम में मलेरिया की शिकायत आम है, ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश की वजह से सड़कों या घरो के आस पास इकट्ठा हुए पानी मे मच्छर पनपते रहते है, जिसमे से कुछ मलेरिया के मच्छर होते है।
ऐसे में आपको अपने घर की सफाई हमेशा करते रहना चाइये और घर के आस पास पानी इकट्ठा नही होने दे, घर के आस पास खड्डों को मिट्टी से भर देना चाइये जिससे जानलेवा मच्छर पैदा न हो सके।
लक्षण- बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड के साथ बुखार होना मलेरिया के लक्षण होते है।
3.डेंगू- डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन ये मच्छर गन्दे पानी मे ही नही साफ पानी मे भी पनपने है, इसलिए अपने पानी के टंकी को हमेशा साफ करते रहे और घर से निकलने से पहले पूरे शरीर को ढक के निकले।
लक्षण- जोड़ो और शरीर मे दर्द होना।
4.डायरिया- बरसात के मौसम में डायरियाँ सबसे आम परेशानियों में से एक है, जो जीवाणुओं (बैक्टेरिया) के संक्रमण के कारण होता है। इसके प्रमुख लक्षण है पेट मे दर्द व मरोड़ होने के साथ दस्त लगना।
यह आम तौर पे बरसात में प्रदूषित पानी और खाने वाली चीज़ों का सेवन करने के कारण होता है। बारिश के मौसम में खाना ढक कर रखे, पानी उबालकर व फ़िल्टर कर के ही पिये।
लक्षण- दस्त, थकान, पेट दर्द, बुखार आदि।
5.हैजा- ये बीमारी विब्रियो कोलेरा नाम के बैक्टेरिया के फैलने के कारण होता है, इसमे पेट मे ऐठन के साथ लगातार उल्टी-दस्त होता है जिसके वजह से शरीर मे पानी की कमी और मिनिरल्स की कमी हो जाती है और मरीज बहुत कमजोर हो जाता है।
लक्षण- उल्टी-दस्त, पेट मे ऐठन।
6.लेप्टोस्पायरोसिस- ये बीमारी त्वचा के संक्रमण (इंफेक्शन), जैसे चोट, घाव के कारण होती है। लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बैक्टीरिया से संक्रमित जानवर के मूत्र द्वारा प्रदूषित जल के संपर्क में आने से आप लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं।
बरसात के मौसम में यह बैक्टीरिया अधिक संक्रामक और डरावना हो जाता है, क्योंकि किसी व्यक्ति को कट जाने या घाव होने से उस जगह पर संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कटे हुए घाव को साफ और ढक के रखे, गन्दे पानी मे जाने से बचे।
लक्षण- कंपकंपना, बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना, मतली और उल्टी आदि।
7.टायफॉइड- दूषित पानी और खानपान की वजह से होने वाली बीमारी टायफॉइड साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होती है। बारिश के मौसम में गन्दे हाथो से खाने की चीज़ खाने से टायफाइड बुखार के शिकायत हो जाता है।
लक्षण- सर्दी, गले मे खराश, बुखार, भूख की कमी, सुस्ती और कमजोरी लगना आदि।
8.पीलिया (जॉन्डिस)- पीलिया दूषित पानी और खाना खाने के कारण होता है।
लक्षण- उल्टी, कमजोरी आदि।
9.आँखों के रोग- बारिश के मौसम में आँखों की भी कई परेशानियां उभरती है, जैसे आई फ्लू मतलब आंख आना, इसमे आंख लाल हो जाती है और सूजन की वजह से आंखों में दर्द होता है।
इससे बचने के लिए साफ हाथो से ही आँखों को साफ करना चाइए। आँखों को दिन में तीन से चार बार साफ पानी से धुलना चाहिए।
10.त्वचा रोग- बारिश के मौसम में त्वचा चिपचिप होने के साथ एलर्जी के साथ बैक्टेरिया पैदा करती है। इससे आपकी त्वचा पे इंफेक्शन हो सकता है और आपकी त्वचा खराब हो सकती है।
इससे बचने के लिए नीम की पत्तियों को पानी मे उबालकर इस पानी से नहाएं। फिर नारियल तेल में कपूर मिलाकर त्वचा पे लगाएं।
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