बढ़ती हुई महंगाई एक बड़ी समस्या पर निबंध

बढ़ती हुई महंगाई एक बड़ी समस्या पर निबंध

प्रस्तावना 

मनुष्य का जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ती है। आज हमारे समाज में अनेक समस्याएं हैं जिसमें से महंगाई की समस्या बढ़ती ही जा रही है, जिसका जल्द ही समाधान किया जाना बहुत ही आवश्यक है।

बढ़ती महंगाई की समस्या सभी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं चाहे वह गरीब हो निम्न वर्ग का हो या मध्यम वर्ग का हो। सभी को इस समस्या से जूझना पड़ता है और सभी लोगों को अपनी आवश्यक चीजों में भी कटौती करनी पड़ती है।

जब से हमारे देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिले हैं और जैसे – जैसे हमारा देश विकसित हो रहा है वैसे – वैसे महंगाई और जनसंख्या भी विकसित हो रही है। हमारे दैनिक जीवन की सभी उपयोगी वस्तुओं की मानें तो 100 गुना तक की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है।

आज के समय में जनसंख्या की वृद्धि अत्यधिक बढ़ती जा रही है जिसके साथ ही साथ हर वस्तुओं की मांग भी बढ़ गई है इसलिए उनका दाम भी बढ़ता ही जा रहा है। जिसका सीधा सीधा संबंध महंगाई से है।

हमारा देश जनसंख्या वृद्धि की समस्या के साथ-साथ महंगाई की समस्या को भी झेल रहा है। वैसे माना जाए तो अगर हमें महंगाई पर रोकथाम करना है तो जनसंख्या वृद्धि में भी रोकथाम की आवश्यकता है।

महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण

बढ़ती जनसंख्या का मुख्य कारण सीधा-सीधा जनसंख्या वृद्धि से है तथा मांग और आपूर्ति से भी संबंधित है। आज के समय में जनसंख्या वृद्धि होती जा रही है उसी के साथ साथ हमारे देश में रह रहे लोगों की मांग और आपूर्ति भी बढ़ती जा रही है लोग समय के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं इसलिए वह वक्त के हिसाब से हर चीज को प्राप्त करना चाहते हैं।

किसी भी व्यक्ति की मांग की सभी वस्तु उसके खरीदने की क्षमता यानी कि उसके पास जो भी पैसे हैं उस पर निर्भर करते हैं और वही उसकी जमा की गई पूंजी उसके कार्यभार पर निर्भर करती है कि वह 1 महीने या फिर साल में कितना कमा लेता है उसके हिसाब से उसकी मांग कितनी है।

अगर किसी भी व्यक्ति के पास अधिक पैसे हैं तो वह ऐसे में अधिक से अधिक चीजों को तथा महंगी वस्तुओं को खरीदने की कोशिश करता है, ऐसे में वस्तुओं का अत्यधिक उत्पाद होना भी आवश्यक है। अगर उस वस्तु की मांग अत्यधिक है और उसका उत्पाद कम है तो लाजमी है कि उस वस्तु की कीमत बढ़ती ही जाएगी मांग के हिसाब से।

वर्तमान समय में कुछ ऐसी स्थिति हो गई है कि हमारे देश के जो उच्च वर्ग के अमीर वर्ग है वह और अमीर होते जा रहे हैं और जो गरीब वर्ग के हैं वह गरीबी में ही जी रहे हैं और इसका सीधा कारण है भ्रष्टाचार जिसका प्रभाव सीधा महंगाई पर पड़ता है। भ्रष्टाचार एक ऐसा रोग है जो हमारे देश को अंदर ही अंदर खोखला करता जा रहा है।

जिसके कारण गरीब वर्ग के लोग के मांगों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। वह अपना जीवन यापन ही अपने तरह से नहीं कर पा रहे हैं तो उनकी वृद्धि कैसे होगी। अर्थात भ्रष्टाचार के कारण जिन वस्तुओं का दाम असलियत में ₹2 है वह वस्तु गरीब वर्ग के लोगों तक आते-आते ₹200 के बराबर हो जाती हैं, जिसके कारण गरीब अपनी आपूर्ति अपनी मांग को पूरा नहीं कर पाता है और गरीबी में ही रह जाता है तथा वही अगर अमीर वर्ग की बात की जाए तो अमीर ₹2 का ₹200 कमा कर भ्रष्टाचार के कारण गरीब को दबाकर और आगे बढ़ते जा रहे हैं।

बढ़ती महंगाई का एक कारण प्राकृतिक आपदा भी है। कभी-कभी प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। ऐसे में किसान भाई को अत्यधिक मात्रा में नुकसान होता है, फसलें खराब हो जाती हैं, फसलों की उपज नहीं होती है जिसके कारण कम ऊपज वाले फसलों की कीमत बढ़ जाती है

और ऐसे में किसानों की  आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था भी शिथिल पड़ जाती है अर्थात नीचे गिर जाती है जिसका सीधा संबंध बढ़ती महंगाई से होता है।

कभी-कभी तो भ्रष्टाचार के कारण प्राकृतिक आपदा का नाम देकर वर्तमान समय में खाद्यान्न की समस्या ना होते हुए भी कालाबाजारी के कारण अनाज की कमी को झूठ में ही दिखाया जाता है ताकि वह गरीब किसानों से तथा मध्यम व निम्न वर्ग से अत्यधिक पैसा कमा सके।

महंगाई का प्रभाव

बढ़ती महंगाई मध्यम वर्ग के लोग तथा निम्न वर्ग के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। क्योंकि निम्न वर्ग के लोग तो गरीबी रेखा के अंतर्गत आ जाते हैं लेकिन मध्यम वर्ग के लोग अमीर और गरीब के बीच में फस कर रह जाते हैं क्योंकि मध्यम वर्ग के लोगों को ना ही गरीबी में रखा जाता है और ना ही अमीरी में रखा जाता है वह अपने जीवन से तथा महंगाई से जूझते रहते हैं।

समय के साथ साथ खाने- पीने की चीजों को, इंधन में, कपड़ों पर ,इत्यादि इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की कीमत अचानक से बढ़ा दी जाती है, जिससे आम लोगों का आर्थिक बजट गड़बड़ हो जाता है।

वैसे तो देखा जाए तो महंगाई का असर सब पर पढ़ना चाहिए लेकिन जो उच्च वर्ग के अर्थात कारखानों के, इंधनो के ,खाद्यान्नों के, इत्यादि के मालिक होते हैं उनका हमेशा फायदा ही फायदा होता है वही इसका असर सिर्फ आम जनता पर पड़ता है।

अर्थात जो इसका इस्तेमाल करते हैं क्योंकि मालिक जितने रुपए में उन चीजों को खरीद कर उसे इस्तेमाल करने योग्य बनाता है उससे कई गुना दाम पर उसे आम जनता तक बेचता है जिसके कारण आम जनता महंगाई से ज्यादा प्रभावित होती है।

ऐसी स्थिति में लोग अपनी जरूरत की चीजों को काटकर सिर्फ घर चलाने का प्रयास करते हैं। जिनमें उनको अपने बच्चों की पढ़ाई तक के खर्च को कम करना पड़ता है और कभी-कभी तो उनके पास इतना भी पैसा नहीं रहता है या उनकी ऐसी भी आर्थिक स्थिति नहीं रहती है जिससे वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा पाए उनको अच्छा जीवन दे पाए।

बढ़ती महंगाई की समस्या से निपटने का समाधान

महंगाई की समस्या से निपटने के लिए आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी पूरा सहयोग देना चाहिए। क्योंकि जिस प्रकार आम जनता सरकार पर निर्भर रहती है उसी प्रकार सरकार को भी अपना भरोसा जनता पर बनाए रखना चाहिए, उनके बीच अच्छे गठबंधन से महंगाई पर लगाम लगाया जा सकता है।

महंगाई की समस्या से निपटने के लिए समाधान निम्न प्रकार से हैं जिससे हम सभी को समझना और लागू करना चाहिए…..

👉 सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए और समय-समय पर जांच करते रहना चाहिए कि किसी भी व्यापार में कालाबाजारी तो नहीं हो रही है यदि ऐसा है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि दोबारा ऐसा ना हो।

👉 भ्रष्टाचार के प्रति सरकार के साथ-साथ आम जनता को भी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि देश को चलाने के लिए सरकार को जनता की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। उसी प्रकार देश से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए जनता को भी सरकार का साथ देना चाहिए। 

👉 आम जनता को एक जागरूक ग्राहक होने का कर्तव्य निभाना चाहिए। यदि कोई दुकानदार किसी भी वस्तु के मूल्य से अधिक दाम पर उसको बेच रहा है तो ग्राहक को जागरूक होकर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाहिए क्योंकि सरकार के तरफ से ग्राहक के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

जिसके अंतर्गत एक ग्राहक होने के नाते उसके क्या- क्या अधिकार है उसे यह मालूम होना चाहिए, किस वस्तु का मूल्य कितना है तथा कहीं पर भी यदि कालाबाजारी हो रही है तो उसके खिलाफ क्या निर्णय लेना चाहिए, इन सब की जानकारी एक ग्राहक को होनी आवश्यक है।

👉 महंगाई पर रोकथाम के लिए यह भी आवश्यक है कि आम जनता को सिर्फ उन्हीं वस्तुओं की खरीददारी करनी चाहिए जिसकी उन्हें आवश्यकता है। खास तौर पर आम जनता को अपने देश में बने वस्तु की खरीद करनी चाहिए।

वैसे तो आज के आधुनिक दुनिया में जो चीजें चमकीली और सुनहरी नजर आती हैं सभी लोग उन्हीं चीजों को खरीदना और पसंद करना चाहते हैं।

ऐसी स्थिति में कालाबाजारी और भ्रष्टाचारी को हम बढ़ावा देते हैं। हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम इस बात पर अत्यधिक ध्यान दें कि हमें किस वस्तु की आवश्यकता है और कौन सी वस्तु हमारे लिए लाभकारी है।

यदि हम अपनी जरूरत की वस्तु खरीदने के लिए बाजार जाते हैं तो हमें उपरोक्त वस्तु को खरीदने से बचना चाहिए जिनकी जरूरत हमें नहीं है। ऐसा करने से वस्तुओं के मूल्य में धीरे-धीरे अपने आप गिरावट होती जाएगी और महंगाई का स्तर भी कम होता जाएगा।

निष्कर्ष

बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या है लेकिन इसका समाधान भी हमारे ही पास है क्योंकि इसका कारण भी हम ही हैं। इसलिए देश की उन्नति के लिए हमें महंगाई पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। महंगाई की समस्या का समाधान निकलते ही देश में भुखमरी की समस्या, कालाबाजारी ,भ्रष्टाचार ,इत्यादि की समस्या अपने आप ही खत्म होने लगेगी।

महंगाई के होते हुए हमारे देश का विकास नहीं हो सकता है इसलिए महंगाई को नियंत्रित करना हमारा भी कर्तव्य बनता है जिसके लिए हमें छोटे-मोटे प्रयास करते रहना चाहिए।

हमें सरकार का पूरा- पूरा सहयोग देना चाहिए ताकि अपने देश से महंगाई को खत्म किया जा सके ताकि हमारे देश में जो वर्ग बटे हुए हैं अमीर, मध्यम और गरीब का उनमें बराबरी लाकर देश में एकता का भाव लाया जा सके समानता का भाव लाया जा सके।

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